ज़िन्दगी तेरे एक धक्के से
रोड पर आ गए हैं कच्चे से
हम को नीचे उतार लेंगे लोग
इश्क़ लटका रहेगा पंखे से
मैं वही हूँ यकीं करो मेरा
मैं जो लगता नहीं हूँ चेहरे से
ये मोहब्बत वो घाट है जिस पर
दाग़ लगते हैं कपड़े धोने से
- Zia Mazkoor
इक पल में इक सदी का मज़ा हम से पूछिए
दो दिन की ज़िंदगी का मज़ा हम से पूछिए
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
- Khumar Barabankavi
11/20/2024 08:00:00 pm
Share:
0 comments: