यह कौन लोग हैं जो आबाद हुए हैं,
किसी से मोहब्बत के बाद हुए हैं।
लोग बर्बाद हो कर बनते हैं शायर,
हम शायर हो कर बर्बाद हुए हैं।
हमें अपने शहर ने भी ना रखा,
वह औरों के शहर में ज़िंदाबाद हुए हैं।
अभी तेरी याद हफ़्ता वसूलती है,
अभी कहाँ क़ैद से आज़ाद हुए हैं।
जिस लड़के से सबसे ज़्यादा नफ़रत थी,
हाय उसी के वह मेरे बाद हुए हैं।
कैसे कैसों को हम-राज़ करती है,
अपने लोगों को नाराज़ करती है।
तेरे बाद हमने जाना यह,
घड़ी टिक टिक की आवाज करती है।
मैं उसकी दवाओं से ऐसा हुआ हूँ कान्हा,
तुम तो कहते थे वह लड़की इलाज करती है।
- Kanha Kamboj
ज़िंदगी में भागे जा रहे हैं,
कामयाबी की तलाश में।
सुकून से ही दूर जा रहे हैं,
सुकून की तलाश में।
-unknown
ना तुम मिले होते, ना इश्क हुआ होता।
न शिकवा जिंदगी से, ना कोई गिला होता।
न सुनसान रात होती, न खामोशी ने होठों को सिया होता।
ना तुम मिले होते, ना इश्क हुआ होता।
न ख्वाबों में तुम आते, न ख्यालों में हर पल सताते।
सिलसिला तुम्हारा हम ज़माने को, ना इस कदर सुनाते।
न यादें बनी होती, ना किस्सा बयां होता।
ना तुम मिले होते, ना इश्क हुआ होता।
- Divya Gupta
एक शख़्स से बातें क्या बंद हुई,
हम खामोश ही रहने लगे।
- Gulzar
1/07/2022 10:04:00 pm
Share:
0 comments: