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Thursday 2 January 2020

Shayari and Ghazal

Posted by Subham  |  No comments

मैं बिछड़ के तुझसे बुलंदियों पे जो पस्त हूँ,
ये उरूज है के ज़वाल है ये सवाल है।

जिस बुत पे फ़िदा हो गए, जाँ जिसपे लूटा दी,
उसने भी बिछड़ते हुए जीने की दुआ दी।

गुनहगार हैं उसके सो उसकी महफ़िल में हम,
उसके हुस्न को उसका नकाब कहते हैैं।

हम ऐसे सर-फिरे दुनिया को कब दरकार होते हैं,
अगर होते भी हैं तो बे-इंतिहा दुुष्वार होते हैं।

- Qamar Abbas




हम उसके दिल तक पहुंँचते कैसे
बदन को रस्ता समझ लिया था
मिलन जुदाई तड़प उदासी
ये खेल सारा समझ लिया था
उसे यूँ छोड़ा के उसने हमको
बहुत ज़्यादा समझ लिया था

वो तबस्सुम था जहाँ शायद वहीँ पर रह गया
मेरी आँखों का हर एक मंज़र कहीं पर रह गया
मैं तो होकर आ गया आज़ाद उसकी क़ैद से
दिल मगर इस जल्दबाज़ी में वहीँ पर रह गया
हमको अक्सर ये ख़याल आता है उसको देख कर
ये सितारा कैसे ग़लती से ज़मीं पर रह गया

एहसान ज़िन्दगी पे किये जा रहे हैं हम
मन तो नहीं है फिर भी जिए जा रहे हैं हम
पहला किसी का इश्क़ था दूजा है शायरी
दो हादसों को एक किये जा रहे हैं हम
ऐ शहर-ए-नामुराद मुबारक के अब के बार
वापस न लौटने के लिए जा रहे हैं हम

- Imtiyaz Khan




ज़िन्दगी में ग़म है
ग़म में दर्द है
दर्द में मज़ा है
और मज़े में ज़िन्दगी है

- Ghalib




उदास एक मुझ ही को तो कर नहीं जाता
वो मुझसे रूठ के अपने भी घर नहीं जाता
वो दिन गए के मोहोब्बत थी जान की बाज़ी
किसी से अब कोई बिछड़े तो मर नहीं जाता

- Waseem Barelvi




मेरी साँसों में समाया भी बहुत लगता है
और वही शख़्स पराया भी बहुत लगता है
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है
लेकिन आने जाने में किराया भी बहुत लगता है

फैसला जो कुछ भी हो मंज़ूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क़ हो भरपूर होना चाहिए
अपने हाथों से बनाया है ख़ुदा ने आपको
आपको थोड़ा बहुत मग़रूर होना चाहिए

तूफानों से आँख मिलाओ सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो तैर के दरिया पार करो
फूलों की दुकानें खोलो ख़ुशबू का व्यापार करो
इश्क़ ख़ता है? तो ये ख़ता एक बार नहीं सौ बार करो

- Dr Rahat Indori

1/02/2020 02:27:00 pm Share:
About Subham Ram

Subham is an undergraduate student pursuing his studies in IT. He is a curious fellow who wants to know everything about everything except somethings. He loves learning web-designing, singing, reading novels and a little bit of writing. Follow him on Twitter.

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